दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पीएम नरेंद्र मोदी से मिलें और फिर कहें कि बातचीत बहुत अच्छी रही। वह भरोसा भी जताएँ कि मिलकर दिल्ली का विकास करेंगे तो यह बात पचती नहीं है। बात इसलिए नहीं पचती कि आख़िर केजरीवाल को प्रधानमंत्री मोदी पर कब से भरोसा होने लगा। चंद दिन पहले ही तो वह कहते फिर रहे थे कि मोदी-शाह की जोड़ी देश के लिए सबसे ज़्यादा हानिकारक और ख़तरनाक है। एक बार जोड़ी फिर से आ गई तो देश में कभी चुनाव नहीं होंगे। अब उस जोड़ी के आ जाने पर केजरीवाल दौड़े-दौड़े प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देने भी जा पहुँचें, मुलाकात को अच्छा भी कहें, मिलकर विकास का भरोसा भी जताएँ और साथ ही आयुष्मान भारत को भी दिल्ली में लागू करने पर विचार की सहमति दे दें, तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है ‘बदले-बदले मेरे सरकार नज़र आते हैं’।
क्या मोदी के गले मिलकर दूर हो गए केजरीवाल के गिले?
- दिल्ली
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- 23 Jun, 2019

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पीएम नरेंद्र मोदी से मिलें और फिर कहें कि बातचीत बहुत अच्छी रही। वह भरोसा भी जताएँ कि मिलकर दिल्ली का विकास करेंगे तो क्या यह बात पचती है?