दिल्ली में महिलाओं को मेट्रो और डीटीसी में मुफ़्त सफर का मजा कब मिल पाएगा, यह तो अभी तय नहीं हो पाया लेकिन दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अगले चुनावों का एजेंडा ज़रूर तैयार कर लिया है। लोकसभा चुनावों में पूर्ण राज्य का मुद्दा तो फुस्स हो गया, अगले साल के शुरू में होने विधानसभा चुनावों के लिए केजरीवाल ने यह मुद्दा ढूंढ लिया है। जिस तरह पूर्ण राज्य के दर्जे को दिल्ली की हर समस्या की चाबी कहा जा रहा था, उसी तरह अब मेट्रो में मुफ़्त सफर को महिलाओं के लिए गेम चेंजर की तरह पेश किया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा, महिलाओं का सशक्तिकरण, महिलाओं की आज़ादी, महिलाओं के लिए रोज़गार और प्रदूषण से लड़ने के लिए इस योजना को रामबाण की तरह पेश किया जा रहा है। दूसरी तरफ़ मेट्रो ने इस योजना पर जो जवाब दिया है और मेट्रो मैन श्रीधरन ने जिस तरह इस योजना का विरोध किया है, उससे यह तय हो गया है कि यह काम आसान नहीं है। केजरीवाल सरकार को इस बात की फ़िक्र नहीं होगी कि यह योजना लागू हो पाएगी या नहीं। उनके हाथ में एक मुद्दा है और साथ में यह आरोप है कि हम तो इसे लागू करना चाहते हैं लेकिन केंद्र सरकार ही लागू नहीं होने देना चाहती।
मुफ़्त मेट्रो सवारी के बहाने वोटों को ख़रीदने की है योजना
- विचार
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- 16 Jun, 2019

दिल्ली में महिलाओं को मेट्रो और डीटीसी में मुफ़्त सफर की योजना क्यों लायी गयी? क्या विधानसभा चुनाव आने वाला है इसलिए तो नहीं? यदि ऐसा है तो वह इस बार सफल हो पाएगी या नहीं?