कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर सोमवार को कांग्रेस संसदीय रणनीतिक ग्रुप की बैठक हुई है। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश आदि मौजूद थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बैठक में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गई और रणनीति बनाई गई। इसके साथ ही इस बैठक में तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार पर चर्चा हुई और इस हार की समीक्षा करने की बात कही गई। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की गई है।
इस बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने कहा कि संसद सत्र को लेकर सोमवार को दो बैठक हुई हैं। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने एक बैठक ली, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कांग्रेस के कई सांसद मौजूद रहे। इस बैठक में हम शीतकालीन सत्र में किन मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं उस पर चर्चा की गई है।
इसी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में इंडिया गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक हुई थी।
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के नतीजे जरूर निराशाजनक हैं, लेकिन हम निराश नहीं हैं। ये मत समझिए कि कांग्रेस पार्टी निराश है। नतीजे निराशाजनक है, इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती। तेलंगाना की जीत के बावजूद नतीजे निराशाजनक हैं।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्तान में हार की समीक्षा हो रही है। इसका विश्लेषण हो रहा है। पर हम निराश नहीं है। हमारा संकल्प दृढ़ है। इन तीन राज्यों में हम एक रचनात्मक और जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
6 दिसंबर की शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ एक अनौपचारिक मीटिंग बुलाई है। हम सिर्फ पीछे नहीं देखेंगे हम आगे भी देख रहे हैं क्योंकि लोकसभा के चुनाव आ रहे हैं और हम उसकी पूरी तैयारी में लगे हुए हैं। हमारा संकल्प दृढ़ है, हम लड़ेंगे।
जयराम रमेश ने कहा कि हमारी तेलंगाना की सरकार बनने वाली है जल्द ही हमारा शपथ ग्रहण समारोह होगा।
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मौजूदा आर्थिक स्थिति पर भी हो चर्चा
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, हम इसकी मांग करते हैं कि संसद के इस शीतकालीन सत्र में मौजूदा आर्थिक स्थिति पर सरकार चर्चा करवाएं। हमारी सीमा पर जो चुनौतियां हैं जो परिस्थितियां हैं हम चाहते हैं कि इस पर भी चर्चा हो। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसकी मंजूरी देगी और दोनों सदनों में इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।पर्यावरण से संबंधित विषय, पर्यावरण और विकास के बीच कैसे संतुलन बनाये जायें। पर्यावरण कानून कमजोर किए जा रहे हैं , उसको नजरअंदाज किया जा रहा है। जिसका नतीजा हिमाचल और उत्तराखंड सहित कई उत्तर पूर्वी राज्यों में देख रहे हैं उस पर भी बात हुई हम सरकार से गुजारिश करेंगे कि इस पर भी संसद में चर्चा हो।
उन्होंने कहा कि मणिपुर को लेकर आज कई सांसदों ने मुद्दा उठाया कि 6 माह हो चुके हैं प्रधानमंत्री इस पर चुप हैं उन्हें इसपर चुप्पी तोड़नी चाहिए। मणिपुर में परिस्थितियां आज भी गंभीर हैं। इस पर भी संसद के दोनों सदनों में चर्चा होनी जरुरी है।
15 दिन का सत्र है छोटा सत्र है। इसमें भी 3 दिन निकाल दें क्योंकि इसमें प्राइवेट मेंबर बिल रहेगा। तो 12 दिन ही बचेगा इसमें विपक्ष की ओर से 3-4 मुद्दों को ही उठा सकते हैं। इसमें मौजूदा आर्थिक स्थिति, सीमाओं को लेकर जो चुनौतियां हैं परिस्थितियां है, विदेश नीति को लेकर जो चुनौतियां और परिस्थितियां हैं उसको लेकर हम चर्चा करना चाहते हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि हम लोकसभा और राज्यसभा में होने वाली सभी चर्चाओं में भाग लेंगे। उसमें आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट पर होने वाली चर्चा भी शामिल हैं।
हम इन बदलाव का विरोध करेंगे। ये बदलाव बड़े खतरनाक है। इन तीन बिलों के लिए राज्य 15 घंटे राज्यसभा में बहस होने का समय निर्धारित हुआ है। इसमें भाग लेते हुए हम इन बिलों का जरुर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि सीईसी बिल का भी हम विरोध करेंगे। सीइसी बिल के लिए 6 घंटा निर्धारित हुआ है।
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