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आप ने शनिवार को जारी किया विवादित पोस्टर

आप लाई कथित बेईमान नेताओं का पोस्टर, राहुल का नाम महंगा न पड़ जाए? 

दिल्ली में चुनावी माहौल गरम हो गया है। आम आदमी पार्टी ने शनिवार को एक विवादित और आक्रामक पोस्टर जारी किया। इस पोस्टर में कथित बेईमान नेताओं के फोटो दिए गए हैं। ताज्जुब की बात है कि इस पोस्टर में पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा राहुल गांधी का भी फोटो है। इनके अलावा बीजेपी और कांग्रेस के छुटभैया नेताओं के फोटो हैं। इस पर कांग्रेस ने जवाब दिया है। उसने कहा कि केजरीवाल और आप में हिम्मत है तो इंडिया गठबंधन छोड़कर दिखाएं।
इस पोस्टर से विवाद बढ़ने वाला है। क्योंकि दोनों ही दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। आम आदमी पार्टी के तमाम नेता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिनमें केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन तो जेल तक जा चुके हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। नेता विपक्ष राहुल गांधी पर करप्शन का कोई आरोप नहीं है और न ही उनके खिलाफ कोई एजेंसी जांच भी नहीं कर रही है, लेकिन आप ने राहुल का नाम इस पोस्टर में घसीट लिया है। 
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इस पोस्टर में आप ने केजरीवाल को ईमानदार बताया है। हालांकि अदालत ने अभी तक कथित दिल्ली शराब घोटाले में केजरीवाल या किसी और आप नेता को क्लीनचिट नहीं दी है। लेकिन जमानत मिलने के बाद ये लोग खुद को आरोपों से बरी मान रहे हैं। पोस्टर में राहुल के अलावा संदीप दीक्षित और अजय माकन के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ, अनुराग ठाकुर, वीरेंद्र सचदेवा, परवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी सहित अन्य भाजपा नेताओं को "बेईमान" बताया गया है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आप और केजरीवाल पर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे आंदोलन और आरएसएस के बीच संबंध था। आप भाजपा की "बी टीम" है। रमेश ने कहा- "भाजपा और आप एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उनके बीच कोई अंतर नहीं है। हम भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। आप भाजपा की बी टीम है। आप और भाजपा के बीच मिलीभगत है...अन्ना हजारे आंदोलन की शुरुआत कहां से हुई? इसके पीछे आरएसएस का हाथ था।"
कांग्रेस ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए उन्हें इंडिया गठबंधन छोड़ने की चुनौती दी। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा- अगर अरविंद केजरीवाल में हिम्मत है, तो उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वह इंडिया गठबंधन छोड़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी 100 सांसदों के साथ मजबूती से खड़ी है और अरविंद केजरीवाल वही हैं जिन्होंने सभी 7 सीटें बीजेपी को दे दीं...आप (अरविंद केजरीवाल) तो चुनावी गठबंधन की भीख मांग रहे थे।" अलका ने कहा- लोकसभा चुनाव के दौरान हमारी पार्टी ने आपकी पार्टी के साथ गठबंधन करके सबसे बड़ी गलती की...इससे कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।'' अलका लांबा कालकाजी से चुनाव लड़ रही हैं।

जयराम रमेश ने साफ किया कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया था और दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसका कोई असर नहीं है। रमेश ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा और कहा कि वह झूठ बोलकर सीएम बने हैं। रमेश ने कहा- "शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए काम किया। पिछले दस वर्षों में हमने केवल 'जुमले' और घोषणाएं देखीं। अरविंद केजरीवाल झूठ बोलकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।"


आप की रणनीति

दिल्ली चुनाव में आप को इस बार कड़ा मुकाबला करना पड़ रहा है। खुद केजरीवाल नई दिल्ली, सीएम आतिशी कालकाजी और मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट पर फंसे हुए हैं। इनके मुकाबले बीजेपी और कांग्रेस ने भारी-भरकम प्रत्याशी उतारे हैं। दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली थी और उसका वोट प्रतिशत भयानक रूप से गिर गया था। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 से इस बात के संकेत मिले कि उसे दिल्ली के मतदाता फिर से पसंद करने लगे हैं। आप इसी बात से परेशान है कि अगर कांग्रेस को कुछ भी वोट मिले तो वो आप के खाते से जाने वाले वोट हैं। 
आप ने इस पोस्टर में राहुल का नाम इसलिए भी घसीटा है, ताकि मतदाताओं को संदेश जा सके कि जो मतदाता कांग्रेस को वोट करने वाले हैं, उससे बीजेपी को फायदा होगा। क्योंकि कांग्रेस अपने दम पर बीजेपी को दिल्ली में नहीं हरा सकती है। इसलिए इस पोस्टर में राहुल का नाम इसी रणनीति के तहत डाला गया है। हालांकि इससे आप को नुकसान भी पहुंच सकता है। क्योंकि पीएम मोदी के बाद सबसे लोकप्रिय नेताओं में राहुल का ही नाम आता है। जबकि केजरीवाल का नाम बहुत पीछे हैं।

मुद्दों पर घिर गये हैं केजरीवाल

दिल्ली में ग्राउंड रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों का कहना है कि दिल्ली चुनाव कोई राष्ट्रीय चुनाव नहीं है। लोग सड़क, सीवर, सफाई पर आप से ज्यादा करने की उम्मीद कर रहे थे। लोग अपने इलाके में गदंगी, टूटी सड़कें दिखाकर सवाल कर रहे हैं कि वे आखिर आप को क्यों वोट दें। कांग्रेस और बीजेपी लोकल मुद्दों पर ही आप को घेर रही है। केजरीवाल ने शनिवार को एक वीडियो जारी कर पार्टी की ओर से सफाई भी पेश की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सीवर का काफी काम हुआ है। जो बचा रह गया है, अगली सरकार बनने पर बचे काम भी निपटा देंगे। केजरीवाल का वीडियो बयान बताता है कि उनकी पार्टी स्थानीय मुद्दों पर कहीं न कहीं घिर कर रह गई है। 
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कांग्रेस-भाजपा का प्रदर्शन

दिल्ली में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह कोई भी सीट जीतने में असफल रही है। इसके विपरीत, आप ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में अपना दबदबा बनाया और कुल 70 सीटों में से क्रमशः 67 और 62 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को इन चुनावों में केवल तीन और आठ सीटें हासिल हुईं।

दिल्ली चुनाव में 5 फरवरी को एक ही चरण में वोट पड़ेंगे। वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मुकाबले में हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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