दिल्ली पुलिस ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के बिजनेस पार्टनर हामिद अली को आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह खबर पुलिस के हवाले से दी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शुक्रवार को अमानतुल्लाह के घर पर छापा मारा था, जिसमें एक पिस्तौल, कुछ गोलियां और 12 लाख रुपये नकद मिले थे।
विधायक खान के समर्थन में जहां सांसद संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की मुखर प्रतिक्रिया आई है। वहां आम प्रमुख केजरीवाल ने बहुत ही सामान्य प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी, सिसोदिया पर कार्रवाई के क्रम में खान की गिरफ्तारी को बहुत सामान्य ढंग से व्यक्त किया है।
गिरफ्तार विधायक अमानतुल्लाह खान की पत्नी शफिया खान ने देर रात ही कहा था कि पुलिस अधिकारियों को उनके घर की तलाशी के दौरान कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली। पुलिस ने शफिया खान के बयान का अभी तक खंडन नहीं किया है।
दिल्ली वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार मामले में एसीबी और दिल्ली पुलिस ने अमानतुल्ला खान से संबंधित कई स्थानों पर छापे मारे थे। अधिकारियों ने दावा किया था कि छापे के दौरान दो बिना लाइसेंस वाली पिस्तौल और 24 लाख रुपये नकद मिले।
हालांकि, शाफिया खान ने ट्विटर पर जो वीडियो पोस्ट किया जिसमें पुलिस कर्मियों के एक समूह को छापे के बाद उनके घर से निकलते हुए दिखाया गया है। वीडियो में पुलिस अधिकारियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ...मीडिया, जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, गलत खबरें दिखाकर लोगों को गुमराह कर रही है।
इस बीच खान की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पुलिस ने मनगढ़ंत मामलों के आधार पर उनके और आप के अन्य नेताओं सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की थी।
उन्होंने कहा, आप के हर नेता को तोड़ने के लिए ऑपरेशन लोटस चल रहा है। ऑपरेशन लोटस एक शब्द है जिसका इस्तेमाल विपक्षी दलों में दलबदल करने के बीजेपी के कथित प्रयासों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि खान के घर पर छापेमारी "पूरी तरह से फर्जी" थी और छापेमारी के दौरान पुलिस अधिकारियों के चेहरे से पता चलता है कि उन्हें कुछ नहीं मिला। संजय सिंह ने पूछा - फिर गिरफ्तारी का यह नाटक क्यों? बीजेपी अपनी दहशत की स्थिति में जो चाहे कर सकती है, लेकिन उनका गुजरात में विधानसभा चुनाव हारना तय है।
खान का केस
2016 में, दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने खान के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि वक्फ बोर्ड में उनके द्वारा की गई नियुक्तियां मनमानी और अवैध थीं। एसीबी ने जनवरी 2020 में मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
एनडीटीवी के अनुसार, एजेंसी ने आरोप लगाया कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए 32 लोगों को "भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों के साथ" अवैध रूप से भर्ती किया।
एसीबी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ ने स्पष्ट रूप से बयान दिया था और ऐसी अवैध भर्ती के खिलाफ ज्ञापन जारी किया था।
अपनी राय बतायें