सदाबहार नीरज एक ऐसे गीतकार हैं, जिनका राज कपूर से बेहद आत्मीय रिश्ता रहा। इस सिलसिले की शुरुआत कानपुर में हुई थी। बात 1953 की है। तब पृथ्वीराज कपूर अपने पृथ्वी थिएटर का शो लेकर कानपुर आए थे। वे रोज़ अपने नाटक के दो शो करते थे। उन दिनों नीरज कवि सम्मेलनों के स्टार थे। लेकिन तब वे नीरज के नाम से नहीं जाने जाते थे। उनका नाम था - भावुक इटावी।