छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों जोगी परिवार की जबर्दस्त चर्चा है। इसकी बड़ी वजह हैं ऋचा जोगी। वे हाल ही में बीएसपी में शामिल हुई हैं। ऋचा ने मानव संसाधन में एमबीए किया है तो राजनीति में कैसे पहुंच गईं? दरअसल, ऋचा अजीत जोगी की बहू हैं। अजीत जोगी सत्ता में अाने के लिए नई स्क्रिप्ट लिख रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने बीएसपी और सीपीआई से गठबंधन किया है। माना जा रहा है कि ऋचा को भी इसी योजना के तहत राजनीति में लाया गया है। हालांकि, ऋचा बीएसपी में तो अब शामिल हुई हैं, लेकिन राजनीति में उनकी एंट्री की कहानी बहुत पहले ही लिखी जा चुकी थी।
ऋचा जोगी का राजनीतिक सफ़र उनके ससुर अजीत जोगी के चुनाव प्रबंधन के साथ शुरू होता है। जोगी का कोटमी में सम्मेलन था। इसमें वह आधार स्तंभ के रूप में सामने आईं।
अजीत जोगी के कोटमी सम्मेलन को कामयाब बनाने के लिए 31 वर्षीय ऋचा ने कड़ी मेहनत की और गांव-गांव घूमकर महिलाओं को सम्मेलन में आने के लिए प्रेरित किया। तब उन्हें राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए पार्टी का प्रभारी बनाया गया था। हालांकि, इससे पहले वह न तो पार्टी के किसी पद पर थीं और न ही सदस्य। राजनीति में आने से पहले उन्होंने कहा था, “मैं अभी बहू और पत्नी की भूमिका में हूं, राजनीति में कोई रूचि नहीं, लेकिन ज़रूरत पड़ी तो चुनाव भी लड़ूंगी।”हालांकि, अब चुनाव लड़ेंगी। वह अपने ससुर की पार्टी जनता कांग्रेस से नहीं, बल्कि बीएसपी के टिकट पर। ऋचा के अकलतरा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है। अकलतरा सीट पर बीएसपी का काफी प्रभाव माना जाता है और 2008 में यह सीट बीएसपी ने जीती थी।
पहले रास नहीं आती थी राजनीति
ऋचा जोगी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पुत्रवधू और विधायक अमित जोगी की पत्त्नी हैं। ऋचा जोगी मानव संसाधन में एमबीए हैं। उन्होंने मैनेजमेंट की पढ़ाई भिलाई के शंकाराचार्य कॉलेज से की। स्कूल की पढ़ाई उन्होंने रायपुर में की थी। उन्होंने एक बार साक्षात्कार में कहा था, “मैंने स्कूल या कॉलेज में कभी राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लिया। मुझे थिएटर का शौक रहा और राजनीति से हमेशा दूर रही हूं।”
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