नीतीश कुमार बिहार के वैसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें अपने बयान के मुताबिक़ सीएम बनने की एक पाई इच्छा नहीं थी। पटना में अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड की दो दिनों की बैठक के बाद उनका जो बयान सामने आया है उसमें अरुणाचल प्रदेश की घटना का दर्द साफ़ झलक रहा है लेकिन उनका यह बयान महज दबाव बनाने के लिए है, या वाक़ई बिहार की राजनीति में कुछ नया होने वाला है?

पटना में जनता दल यूनाइटेड की दो दिनों की बैठक के बाद नीतीश कुमार का जो बयान सामने आया है उसमें अरुणाचल प्रदेश की घटना का दर्द साफ़ झलक रहा है। क्या बिहार की राजनीति में कुछ नया होने वाला है?
यह सवाल इसलिए उभर रहा है क्योंकि पार्टी के नये अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इशारे से धोखे की बात कही है।
अरुणाचल प्रदेश में जदयू के सात में से छह विधायकों के बीजेपी में शामिल होने को औपचारिक रूप 23 दिसंबर को मिला। इसके बारे में जब तीन दिन पहले नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने टालने के अंदाज़ में कहा कि अभी तो पार्टी की बैठक है लेकिन जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनके भाषण से उनका दर्द छलक गया।