लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एनडीए में आख़िर सीट बँटवारा हो गया। जानिए, बीजेपी, जेडीयू, हम, चिराग पासवान की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को क्या मिला।
जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की रविवार को बैठक हुई। कई मुद्दों पर मतभेदों के मद्देनज़र जेडीयू ने कहा है कि राज्य और केंद्र स्तर पर एनडीए समन्वय समिति गठित की जाए।
पटना में जनता दल यूनाइटेड की दो दिनों की बैठक के बाद नीतीश कुमार का जो बयान सामने आया है उसमें अरुणाचल प्रदेश की घटना का दर्द साफ़ झलक रहा है। क्या बिहार की राजनीति में कुछ नया होने वाला है?
बीजेपी का लक्ष्य किसी भी क़ीमत पर हर राज्य में अपनी सरकार बनाना है। इसलिए अरुणाचल प्रदेश का घटनाक्रम इस बात का भी संकेत है कि बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में चौंकाने वाली घटनाओं के साथ बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
भले ही गठबंधन की वजह से बीजेपी को 17 सीटों पर ही चुनाव लड़ना है, मगर पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं कि उसे अलग-अलग इलाक़ों में अपना प्रतिनिधित्व बनाकर रखना चाहिए था।