क्या चिराग पासवान दलित नेता से हिंदू नेता बन रहे हैं? उनके हालिया बयानों, इफ्तार पार्टी और बिहार की राजनीति में भाजपा-समर्थक बयानबाजी का विश्लेषण पेश कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद। जानिएः
बिहार में एक प्रमुख मुस्लिम संस्था इमारत शरिया ने सीएम नीतीश कुमार के इफ़्तार निमंत्रण को ठुकरा दिया है। मुस्लिमों की नाराज़गी वक्फ बिल 2024 को लेकर है, जिसका नीतीश कुमार की पार्टी ने समर्थन किया है। जानिए पूरा मामला और राजनीतिः
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राजेश कुमार की नियुक्ति का असर महागठबंधन पर भी पड़ेगा और संकेत सकारात्मक हैं। वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद इस केमिस्ट्री को समझा रहे हैं। बिहार की राजनीति जानिएः
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अब तक के कार्यकाल में बिहार में 60 हजार हत्याएं हुईं। बिहार के अखबारों ने यह खबर या तो गायब कर दी या संख्या को नहीं छापा। वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्टः
यह जगजाहिर है कि जेडीयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार मंडलवादी और सेकुलर हैं। लेकिन उनके राज में खुलेआम हिन्दू राष्ट्र की वकालत की जा रही है। उन्मादी नारे लग रहे हैं। बिहार के वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद ने इसके निहितार्थों का विश्लेषण किया है, जानियेः
इस विशेष साक्षात्कार में, हम लेफ्टिनेंट भारती आशा सहाय चौधरी के साथ बात कर रहे हैं. जो एक साहसी स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आज़ाद हिंद फौज में सेवा दी थी।
जिस नीतीश कुमार को ‘परिवारवाद’ विरोधी माना जाता रहा है, क्या वह अब अपने बेटे को राजनीति में लॉन्च करने का जा रहे हैं? क्या बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव आने वाला है? क्या यह जदयू-बीजेपी के लिए आसान होगा?
एक के बाद एक जेडीयू नेता मुसलमानों को लेकर विवादास्पद बयान क्यों दे रहे हैं? क्या वे नीतीश को नुक़सान पहुँचाना चाहते हैं? क्या वे बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
बिहार के सबसे भयावह दंगे के लिए बदनाम भागलपुर में जिस तरह एक मुस्लिम धर्मस्थल पर भगवा झंडा फहराया गया, वह क्या इशारा करता है? क्या नीतीश कुमार के शासन में सांप्रदायिक सौहार्द पहले जैसा नहीं रहा?
आरसीपी फिलहाल न तो नीतीश कुमार पर कोई हमला कर रहे हैं, न ही बीजेपी के खिलाफ कटु शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन चुनाव आते-आते उनका इस रुख पर बने रहना मुश्किल लगता है।
आरजेडी ने प्रीपेड बिजली मीटर के मुद्दे पर 1 अक्टूबर से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा कर रखी है और इसमें कांग्रेस भी उसके साझीदार बनने वाली है। जानिए, तेजस्वी की क्या है पूरी योजना।
पिछली बार बीजेपी का साथ छोड़ आरजेडी से गठबंधन करने को लेकर तेजस्वी यादव अब क्यों कह रहे हैं कि नीतीश हमारे घर जब आए थे तो सभी विधायकों के साथ हाथ जोड़कर माफी मांगी थी? क्या तेजस्वी ने भी आर-पार का रुख अपना लिया है?
श्याम रजक को लालू प्रसाद का बहुत करीबी माना जाता था लेकिन लालू के बड़े तेज प्रताप से श्याम रजक की कभी बनी नहीं। जानिए, अब जेडीयू में लौटने की चर्चा क्यों?