लोकसभा चुनाव के लिए दो सौ से अधिक जनसभाएं करने वाले तेजस्वी यादव अपनी कोशिशें के अनुरूप राजद और इंडिया गठबंधन को कामयाबी नहीं दिला सके हालांकि एनडीए को बिहार में नौ सीटों का घाटा ज़रूर हुआ।
तेजस्वी मोदी के हर आक्रमण का करारा जवाब देकर क्या हासिल कर रहे हैं? क्या उनका साहस मतदाताओं को लुभा रहा है? क्या उनका ये रुख़ मोदी पर भारी पड़ रहा है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
निर्मला सीतारमण ने बीच चुनाव में नीतीश कुमार की पुरानी माँग क्यों ठुकराई? नीतीश कुमार बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग करते रहे हैं फिर वे चुप क्यों हैं? क्या चुनाव पर इसका कोई असर पड़ेगा? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
क्या चिराग़ पासवान अपने पिता की परंपरागत सीट से जीत पाएंगे? आरजेडी से उन्हें कैसी चुनौती मिल रही है? हाजीपुर के जातीय समीकरण क्या कहते हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
क्या रोहिणी आचार्य अपने पिता का करिश्मा दोहरा पाएंगी? पिछली दो बार से जीत रहे राजीव प्रताप रूड़ी के सामने कैसी चुनौती है? सारण सीट पर सामाजिक-जातीय समीकरणों में कौन भारी है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
बिहार में पाँचवें चरण में होने वाले मतदान में आख़िर किनका पलड़ा भारी रहेगा? जानिए, इस चरण में चिराग पासवान और रोहिणी आचार्य के साथ ही किनकी किस्मत दाँव पर।
मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर नफ़रत फैलाने के लिए कभी जेल गए मनीष कश्यप को बीजेपी ने अपनी पार्टी में क्यों शामिल कराया? इससे नीतीश कुमार को फायदा होगा या नुक़सान?
मोदी के झूठ और हेट स्पीच पर नीतीश को सांप क्यों सूंघ गया है? उनकी ये चुप्पी NDA और जेडीयू के प्रदर्शन पर कितनी भारी पड़ेगी? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट
अब नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को ‘ज़्यादा बच्चा पैदा करने वाले’ कहा है, उसके बारे में नीतीश कुमार की क्या राय होगी? क्या मुसलमान अपने बारे में ऐसे जहरीले बयान सुनकर भी नीतीश कुमार के कहने पर एनडीए को वोट देंगे?
नीतीश कुमार को क्यों लग रहा है कि इस बार मुस्लिम मतदाता उन्हें वोट नहीं देंगे? वे क्यों 2005 के पहले के शासन की याद दिला रहे हैं? क्या उनका बीजेपीपरस्त रवैया उनके लिए मुसीबत बन गया है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
इस बार जब नीतीश कुमार ने एक बार फिर बीजेपी से हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री बनना स्वीकार किया तो कई लोगों का कहना है कि वह 2005 के जैसे मुख्यमंत्री नहीं रहे। तो क्या मुस्लिमों में इसको लेकर हिचकिचाहट है?
चुनाव के पहले चरण में एनडीए की चार की चारों सीटें दाँव पर हैं मगर क्या वह इन्हें बचा पाएगी? महागठबंधन की चुनौती कितनी मज़बूत है? क्या वह इनमें से कुछ सीटें छीन सकता है?
विपक्षी दलों की एकजुटता के बीच बीजेपी भी कई दलों को एनडीए में शामिल कर रही है। बिहार में भी इसने कई दलों को शामिल किया है, लेकिन वह सीटों का बँटवारा कैसे करेगी?