तेजस्वी को मिल रहे ज़बर्दस्त समर्थन के बावजूद आरजेडी ज़्यादा सीटें क्यों नहीं जीत पाया? क्या सामाजिक समीकरणों मे कोई कमी रह गई? क्या सही उम्मीदवार देने में चूक हो गई?
क्या नीतीश के लिए ये मोदी से हिसाब बराबर करने का मौक़ा है? इस मौक़े का इस्तेमाल वे कैसे करेंगे? उनकी सरकार को समर्थन देने के बदले में वे क्या शर्तें रख सकते हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
नीतीश ने संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष क्यों बनाया? क्या वे बीजेपी से और क़रीबी रिश्ता बनाना चाहते हैं? क्या वे फिर से पलटने की तैयारी कर रहे हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संजय कुमार झा को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के क्या मायने हैं? क्या नीतीश कुमार सॉफ़्ट हिंदुत्व की राह पर चल पड़े हैं?
नीतीश ने अपने सांसद के आपत्तिजनक बयान पर चुप्पी क्यों साध रखी है? क्या उनकी पार्टी ऐसे पक्षपाती नेता के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करेगी? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
लोकसभा चुनाव के लिए दो सौ से अधिक जनसभाएं करने वाले तेजस्वी यादव अपनी कोशिशें के अनुरूप राजद और इंडिया गठबंधन को कामयाबी नहीं दिला सके हालांकि एनडीए को बिहार में नौ सीटों का घाटा ज़रूर हुआ।
तेजस्वी मोदी के हर आक्रमण का करारा जवाब देकर क्या हासिल कर रहे हैं? क्या उनका साहस मतदाताओं को लुभा रहा है? क्या उनका ये रुख़ मोदी पर भारी पड़ रहा है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
निर्मला सीतारमण ने बीच चुनाव में नीतीश कुमार की पुरानी माँग क्यों ठुकराई? नीतीश कुमार बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग करते रहे हैं फिर वे चुप क्यों हैं? क्या चुनाव पर इसका कोई असर पड़ेगा? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
क्या चिराग़ पासवान अपने पिता की परंपरागत सीट से जीत पाएंगे? आरजेडी से उन्हें कैसी चुनौती मिल रही है? हाजीपुर के जातीय समीकरण क्या कहते हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
क्या रोहिणी आचार्य अपने पिता का करिश्मा दोहरा पाएंगी? पिछली दो बार से जीत रहे राजीव प्रताप रूड़ी के सामने कैसी चुनौती है? सारण सीट पर सामाजिक-जातीय समीकरणों में कौन भारी है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
बिहार में पाँचवें चरण में होने वाले मतदान में आख़िर किनका पलड़ा भारी रहेगा? जानिए, इस चरण में चिराग पासवान और रोहिणी आचार्य के साथ ही किनकी किस्मत दाँव पर।
मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर नफ़रत फैलाने के लिए कभी जेल गए मनीष कश्यप को बीजेपी ने अपनी पार्टी में क्यों शामिल कराया? इससे नीतीश कुमार को फायदा होगा या नुक़सान?
मोदी के झूठ और हेट स्पीच पर नीतीश को सांप क्यों सूंघ गया है? उनकी ये चुप्पी NDA और जेडीयू के प्रदर्शन पर कितनी भारी पड़ेगी? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट
अब नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को ‘ज़्यादा बच्चा पैदा करने वाले’ कहा है, उसके बारे में नीतीश कुमार की क्या राय होगी? क्या मुसलमान अपने बारे में ऐसे जहरीले बयान सुनकर भी नीतीश कुमार के कहने पर एनडीए को वोट देंगे?
नीतीश कुमार को क्यों लग रहा है कि इस बार मुस्लिम मतदाता उन्हें वोट नहीं देंगे? वे क्यों 2005 के पहले के शासन की याद दिला रहे हैं? क्या उनका बीजेपीपरस्त रवैया उनके लिए मुसीबत बन गया है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-