चुनाव नतीजों के संबंध में फैली अनिश्चितताओं के बीच एक बात तय है कि असम की राजनीति में ये चुनाव एक टर्निंग पॉइंट साबित होंगे। ये चुनाव एक तरह से असम की भावी राजनीति को परिभाषित और निर्धारित भी करने वाले हो सकते हैं।
क्या असमिया संस्कृति को निगल जाएगा हिंदुत्व?
- असम
- |
- |
- 10 Apr, 2021

सत्ता पर काबिज़ होने के बाद बीजेपी के लिए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का सुनहरा मौका मिल गया और वह उसका हर तरह से लाभ उठाने में लगी हुई है। सत्ता पर सवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पैठ असमिया समाज के हर हिस्से में हो चुकी है और उसने असमिया मानस पर प्रभाव हासिल कर लिया है।
चुनाव नतीजे बताएंगे कि असम में हिंदुत्व की राजनीति का भविष्य क्या है और उसके बरक्स असमिया अस्मिता एवं संस्कृति की रक्षा के लिए की जाने वाली राजनीति का दौर ख़त्म हो गया है या फिर लौटेगा।
असमिया समाज अपनी भाषा और पहचान को लेकर बहुत सचेत रहा है। इसके लिए वह लगातार संघर्षरत भी रहा हैं। यही वज़ह है कि इस सवाल के जवाब का असमिया बुद्धिजीवी बहुत ही उद्विग्न्ता के साथ इंतज़ार कर रहे हैं।