हाल ही में अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी और दिल्ली की एक संस्था के शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि भारत को कोरोना वायरस से मुक्त करने का सर्वश्रेष्ठ तरीक़ा यह है कि इसकी आधी से ज़्यादा आबादी को कोरोना वायरस से संक्रमित करा दिया जाए।
60% भारतीयों को संक्रमित कराओ, वायरस से मुक्ति पाओ - शोधकर्ता
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025

जब तक टीका या इलाज के लिए दवा नहीं बन जाती तब तक क्या कोरोना वायरस से निपटने का लॉकडाउन से बेहतर उपाय कुछ हो सकता है? अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी और दिल्ली की एक संस्था के शोधकर्ताओं ने 'हर्ड इम्यूनिटी' का एक रास्ता सुझाया है। तो यह हर्ड इम्यूनिटी क्या है और यह कितना कारगर हो सकता है?
पहली नज़र में यह सुझाव बड़ा अटपटा लगता है और लोग इसे एक भद्दा मज़ाक समझ सकते हैं लेकिन ऐसा है नहीं। महामारी विज्ञान में इस तरीक़े को हर्ड इम्यूनिटी या झुंड प्रतिरक्षण कहा जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार यदि किसी झुंड या समूह में वैक्सीन या किसी दूसरे तरीक़े से अधिकतर लोगों को किसी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त कर दिया जाए तो कुछ समय के बाद संक्रमण ख़ुद-ब-ख़ुद ख़त्म हो जाता है।
अब चूँकि कोरोना वायरस का कोई वैक्सीन यानी टीका अभी बना नहीं है, इसलिए इस टीम का सुझाव है कि यदि एक नियंत्रित तरीक़े से अगले सात महीनों में भारत के 60% लोगों को इस बीमारी से ग्रस्त होने दिया जाए तो नवंबर तक भारत में यह स्थिति आ जाएगी कि यह वायरस किसी नए व्यक्ति को संक्रमित नहीं कर सकेगा क्योंकि इतने सारे लोगों के संक्रमित हो जाने के बाद वायरस को ऐसे असंक्रमित लोग नहीं मिलेंगे जिनपर वह हमला कर सके और अपनी संख्या बढ़ा सके।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश