फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को लेकर जो हत्याकांड पिछले दिनों हुआ, उसका धुंआ अब सारी दुनिया में फैल रहा है। सेमुएल पेटी नामक एक फ्रांसीसी अध्यापक की हत्या अब्दुल्ला अजारोव नामक युवक ने इसलिए कर दी थी कि उस अध्यापक ने अपनी कक्षा में छात्रों को मोहम्मद साहब के कार्टून दिखा दिए थे। अब्दुल्ला की भी फ्रांसीसी पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी। अब यह मामला इतना तूल पकड़ रहा है कि फ्रांस समेत यूरोपीय राष्ट्रों में अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर भारी-भरकम प्रदर्शन हो रहे हैं और इस्लामी उग्रवादियों पर तरह-तरह के प्रतिबंधों की माँग की जा रही है। उधर दुनिया के कई इस्लामी राष्ट्र हैं, जो फ्रांस पर बुरी तरह से बरस रहे हैं और अभिव्यक्ति की इस स्वच्छंदता की भर्त्सना कर रहे हैं।
पैगंबर के कार्टून बनाने से यूरोपीयों को मोक्ष मिल रहा है?
- दुनिया
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- 29 Oct, 2020

यदि मुसलमान लोग पैगंबर के चित्र या कार्टून बनाने के विरुद्ध हैं तो उनका सम्मान करने में आपका क्या बिगड़ रहा है? पैगंबर के कार्टून बनाने से क्या यूरोपीय लोगों को मोक्ष मिल रहा है? यही सवाल उन मुसलमानों से पूछा जा सकता है जो हिंदू मूर्तियों और मंदिरों को तोड़ते हैं? आप बुतपरस्ती मत कीजिए लेकिन क्या बुतशिकन होना ज़रूरी है?