पाकिस्तानी आतंकवादी और जैश-ए-मुहम्मद के सरगना, मौलाना मसूद अज़हर को सुरक्षा परिषद् ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। दस साल की मशक्क़त के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को यह सफलता मिली है। 2009 से ही यह कोशिश चल रही थी। चीन ने बार-बार प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया और हर बार मसूद अज़हर बच निकलता था। लेकिन इस बार चीन ने भी अपनी सहमति दे दी। सहमति देने के पहले प्रस्ताव के उन हिस्सों को निकलवा दिया जिसमें पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले का ज़िक्र था। चीन की शायद कोशिश यह थी कि वह इस काम का श्रेय भारत को न लेने दे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़बर आते ही जयपुर की एक चुनावी सभा में इसका श्रेय ले लिया और मसूद अज़हर पर संयुक्त राष्ट्र में हुई कार्रवाई को अपनी सफलता बता दी।
मसूद के वैश्विक आतंकी घोषित होने से ज़मीनी हालात बदलेंगे?
- विचार
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- 2 May, 2019

मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर देने से क्या पाकिस्तान में ज़मीनी हालात बदलेंगे? धार्मिक जमातों और फ़ौज के बीच हाफ़िज़ सईद ने जुगलबंदी करवाई और आज आलम यह है कि दुनिया में कहीं भी आतंकवादी हमला हो, शक की सुई सबसे पहले पाकिस्तान की ओर ही घूमती है।