लखनऊ से सुल्तानपुर की यात्रा में पाँच लोकसभा क्षेत्रों से गुज़रने का मौक़ा मिला। आज सुल्तानपुर से चलकर आजमगढ़ और जौनपुर होते हुए शाम को वाराणसी में डेरा डालने की योजना है। लखनऊ संसदीय क्षेत्र के बारे में जो चर्चा दिल्ली में सुनने को मिल रही थी, वही लखनऊ में भी है। इस चुनाव में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को हराना नामुमकिन माना जा रहा है। वही हाल रायबरेली में सोनिया गाँधी का भी है।
आख़िरी वक़्त में पलट गयी अमेठी में राहुल-स्मृति की बाज़ी
- चुनाव 2019
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- 6 May, 2019

लखनऊ से सुल्तानपुर की यात्रा में पाँच लोकसभा क्षेत्रों से गुज़रने का मौक़ा मिला। दो दिन की यात्रा में लखनऊ और सुल्तानपुर में तो सामान्य स्थिति देखने को मिली, लेकिन अमेठी में नहीं। हम दिन भर अमेठी में रहे और साफ़ अनुमान लग रहा था कि स्मृति ईरानी के पक्ष में हवा है। लेकिन एक फ़ैसले से उल्टी हवा बहने लगी...
लोकसभा 2019 भारत के संसदीय इतिहास में असाधारण चुनाव माना जा रहा है। पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली पहली ग़ैर-कांग्रेसी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है। पहली बार कोई ग़ैर-कांग्रेसी पार्टी अपने पाँच साल के कामकाज पर जनादेश माँग रही है और चुनाव के मैदान में है। पहली बार उत्तर प्रदेश में पिछड़ी और अनुसूचित जातियों का एक ऐसा गठबंधन सत्ताधारी पार्टी को चुनौती दे रहा है जिसके सफल होने के बाद भारत में चुनावी राजनीति का नया व्याकरण लिखा जाने वाला है। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन अगर सफल हुआ तो देश में एक दलीय लोकशाही का अंत होने वाला है। हमारे मित्र और बहुत आला दर्जे के पत्रकार और इस यात्रा के हमसफ़र, कुमार केतकर का कहना है कि ऐसा लगता है अब चुनाव में कई पार्टियों के गठबंधन की सरकारें बनाया करेंगे। इसका एक मॉडल जर्मनी की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन में उपलब्ध है। हो सकता है कि आने वाले समय में यही मॉडल सबको स्वीकार्य हो जाए।