संयुक्त राष्ट्र की एजेन्सी विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्लूएफ़पी) के प्रमुख ने बीते दिनों जब यह कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के लोगों की हालत इतनी नाज़ुक है कि वे जीने के लिए अपने बच्चे और शरीर के अंग तक बेच रहे हैं, तो पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई।
भुखमरी के कगार पर अफ़ग़ानिस्तान, बच्चे बेचने पर मजबूर आम अफ़ग़ानी!
- दुनिया
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- 2 Feb, 2022

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जिस तरह की भुखमरी की आशंका जताई जा रही थी, क्या अब वैसे ही हालात हो गए हैं? जानिए कैसे हैं हालात।
डब्ल्यूएफ़पी प्रमुख डेविड बेसली ने उस अफ़ग़ान महिला से मुलाक़ात का हवाला दिया जिसने अपनी नवजात बच्ची को कुछ पैसों में इस उम्मीद के साथ बेच दिया कि इससे मिले पैसों से वे अपने दूसरे बच्चों को कुछ खिला पाएंगी और वह उस बच्ची का भी बेहतर भरण पोषण हो सकेगा।
यह तो सिर्फ एक उदाहरण है। सच तो यह है कि अफ़ग़ानिस्तान की चार करोड़ आबादी में से दो करोड़ 30 लाख लोग यानी लगभग आधी आबादी भुखमरी के कगार पर हैं, सर्दियों में वे लोग सर्द सूखे का शिकार होने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, अफ़ग़ानिस्तान की 97 प्रतिशत आबादी इस साल के अंत तक ग़रीबी रेखा से नीचे चली जाएगी।