अफगानिस्तान में तेल खुदाई के लिए तालिबान सरकार और चीन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत इसकी अनदेखी नहीं कर सकता, क्योंकि भारत ने अफगानिस्तान में शुरू से ही निवेश किया। लेकिन तालिबान का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है। जानिए घटनाक्रमः
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। UN: अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय त्रासदी, अंतरराष्ट्रीय समुदाय मदद करे। कैप्टन : दिल्ली में जो करना है करिए पंजाब को नुकसान न पहुंचाएं।
अमेरिकी फौजें तो वापस लौट गईं और तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता पर कब्जा भी कर लिया, लेकिन बिना पैसे के वह देश को चलाएगा कैसे? कमाई का ज़रिया क्या होगा और अर्थव्यवस्था कैसे चलाएगा?
क्या अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था ऐसी है जिसे तालिबान संभाल सके? आर्थिक मदद पर निर्भर अफ़ग़ानिस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान के ही 9.5 बिलियन डॉलर रिजर्व को फ्रीज कर दिया है।