अफ़ग़ानिस्तान आर्थिक तबाही के कगार पर खड़ा है। खाने-पीने की चीजों की घनघोर किल्लत है, सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। चारों ओर अफ़रातफ़री और निराशा का माहौल कायम है। सरकार कुछ कर नहीं रही है या करने की स्थिति में नहीं है।