भारत में अमीर और ग़रीब के बीच की खाई पहले से अधिक चौड़ी हो गई है और यह बढ़ती ही जा रही है। इसे इससे समझा जा सकता है कि सबसे धनी 10 प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपदा का 50 प्रतिशत है, दूसरी ओर सबसे ग़रीब 50 प्रतिशत लोगों के पास सिर्फ 10 प्रतिशत जायदाद है।