यूक्रेन संकट पर क्या भारत का रूख साफ़ नहीं है? और क्या संयुक्त राष्ट्र में रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव से खुद को अलग करने के कारण भारत असहज स्थिति में है? या गुट निरपेक्षता का रास्ता ही सबसे उपयुक्त है?
कज़ाख़स्तान में रसोई गैस की क़ीमत में बढ़ोतरी से हिंसा क्यों हो गई? ख़बर है कि अब तक कम से कम 44 लोग मारे जा चुके हैं। आख़िर महंगाई वहाँ इतना बड़ा मुद्दा कैसे बन गयी?