नेपोलियन बोनापार्ट ने 1806 में कॉन्टिनेंटल ब्लॉकेड का एलान करते हुए ब्रिटेन के साथ हर तरह की आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। उनका मानना था कि इससे ब्रिटेन आर्थिक रूप से तबाह हो जाएगा और जो काम उनकी सेना नहीं कर सकी, वह मक़सद इस तरीके से हासिल हो जाएगा। यूरोपीय संघ ने जब 2022 में यूक्रेन पर हमले के ख़िलाफ़ रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान किया तो उसकी याद आना स्वाभाविक है।
आर्थिक प्रतिबंधों से क्या तबाह होगा रूस?
- दुनिया
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- 2 Mar, 2022
यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही रूस पर दुनिया के कई देशों ने तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या इन प्रतिबंधों से उसे कोई नुकसान होगा?

यूरोपीय संघ के ऐलान के दो दिन के अंदर ही रूसी मुद्रा रूबल का ज़बरदस्त अवमूल्यन हुआ और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 30 प्रतिशत नीचे गिरा। रूसी केंद्रीय बैंक को अगले ही दिन ब्याज दरों को दूने से ज़्यादा करना पड़ा, इससने 9.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 20 प्रतिशत कर दिया। यह अव्यावहारिक दर है और दुनिया की कोई भी अर्थव्यवस्था इस दर पर ब्याज नहीं दे सकती।
रूसी रूबल का अवमूल्यन अभी और होना है क्योंकि फिलहाल ट्रेड सरप्लस वाली रूसी अर्थव्यवस्था यूरोपीय देशों में निर्यात में कमी होने से व्यापार घाटे वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी तो इसकी करेंसी पर दबाव बढ़ेगा।