यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही रूस पर दुनिया के कई देशों ने तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या इन प्रतिबंधों से उसे कोई नुकसान होगा?
‘ज्ञान के मसीहाओं’ ने अपने मूल्यों को जीवित रखने के लिए सांस्कृतिक त्योहारों का निर्माण किया तो ‘अज्ञानता के तानाशाहों’ ने उन्हीं त्योहारों को धार्मिक स्वरूप प्रदान कर घृणा का औजार बना दिया।