loader
अफगानिस्तान की महिलाएं

अफगान महिलाएंः वो तालिबान के नए फरमान के खिलाफ दुनियाभर में गा रही हैं

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। जिसमें एक अफगान महिला वीडियो में गा रही है, जिसमें उसके चेहरे का सिर्फ एक हिस्सा दिखाया गया है। यह वीडियो उस कानून के खिलाफ ऑनलाइन विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली दर्जनों महिलाओं में से एक का है। जिसके तहत अफगान महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपनी आवाज उठाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अफगानिस्तान में ऐसा फरमान नया नहीं है। तालिबान ने जब से अफगानिस्तान की सत्ता संभाली है, तब से उन्होंने तमाम महिला विरोधी कानून पास किए हैं। महिलाओं की शिक्षा को लेकर भी कानून पास किए गए, लेकिन दुनियाभर में दबाव बनने के बाद उसमें कुछ ढील दी गई। 

तालिबान अधिकारियों ने पिछले हफ्ते नए कानून की घोषणा की। जिसमें सबसे आपत्तिजनक है कि अफगान महिलाओं की आवाज घर से बाहर सुनाई नहीं पड़ना चाहिए। इसके जवाब में, अफगानिस्तान के अंदर और बाहर अफगानी महिलाओं ने सोशल मीडिया पर गाते हुए वीडियो पोस्ट किए हैं, साथ ही "मेरी आवाज पाबंद नहीं है" और "नो तालिबान" जैसे हैशटैग के साथ बाकायदा अभियान भी चलाया है।

ताजा ख़बरें

अफगानिस्तान की एक पूर्व पुलिसकर्मी ज़ला ज़ज़ई, जो वर्तमान में पोलैंड में रहती हैं, ने आर्यना सईद का एक गाना गाते हुए अपना एक वीडियो साझा किया। उन्होंने कहा कि अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध "अस्वीकार्य" हैं। ज़ला ज़ज़ई ने कहा कि ”अफ़गानिस्तान की महिलाओं को यह समझ में आ गया है कि स्त्री विरोधी अब धर्म और संस्कृति के नाम पर हमारे मानवाधिकारों को छीन नहीं सकते हैं। हमारे अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली हमारी आवाज कभी चुप नहीं होगी।”

अफगान महिला कार्यकर्ताओं के समूहों ने कंधार से शासन करने वाले तालिबान नेता हिबतुल्ला अखुंदज़ादा की तस्वीरें फाड़ते हुए वीडियो भी पोस्ट किए हैं। तैयबा सुलेमानी दुनिया भर की सैकड़ों अफगान महिलाओं और सहयोगियों में से एक हैं जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने गायन के वीडियो अपलोड कर रही हैं। ये वीडियो पिछले हफ्ते तालिबान द्वारा पारित एक कानून का विरोध करने के लिए हैं।
चमकीले फूलों के गुलदस्ते से सजे आईने में खुद को देखते हुए, तैयबा सुलेमानी गाना शुरू करती है। फ़ारसी में यह गीत आशा का संदेश देता है - मैं एक दिन उड़ जाऊंगी, मैं एक दिन आज़ाद हो जाऊंगी।
तालिबानी फरमान के जवाब में, सुलेमानी जैसी महिलाएं यह प्रदर्शित कर रही हैं कि वे चुप रहने से इनकार करती हैं। उन्होंने कहा- "मैंने वीडियो रिकॉर्ड किया क्योंकि मैं तालिबान को बताना चाहती थी, आप मुझे नहीं बता सकते कि क्या करना है।" 2021 में तालिबान के दोबारा सत्ता में आने के बाद तीन साल पहले अफगानिस्तान से कनाडा भागी सुलेमानी को अपने परिवार को अलविदा कहने का मौका भी नहीं मिला। लेकिन, भले ही वह वर्तमान में 10,000 मील से अधिक दूरी पर रहती है, फिर भी तालिबान ने उन्हें डराने की कोशिश की। उन्होंने  फोन पर चेतावनी दी कि उनका परिवार अभी भी अफगानिस्तान में है। वे कुछ भी कर सकते हैं।

लेकिन सुलेमानी डरी नहीं। बल्कि और अधिक गाने के लिए प्रेरित हुईं। उन्होंने कहा- "इससे मुझे यकीन हो गया है कि मुझे ताकत के साथ आगे बढ़ना है, पहले से भी ज्यादा।"

अब नॉर्वे में रहने वाली एक अफ़ग़ान महिला, हुदा ख़मोश ने भी इसी भावना को दोहराया। उन्होंने कहा, "हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि एक आवाज हजारों बन सकती है, जिससे पता चलता है कि हम महिलाएं सिर्फ चंद लोग नहीं हैं जिन्हें मिटाया जा सकता है।"
अफगान महिला न्याय आंदोलन की स्थापना करने वाली हुदा खामोश ने एक क्रांतिकारी कविता गाते हुए अपना एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि यदि आप हमारे लिए अपने दरवाजे बंद कर देंगे, तो हम अपनी आवाज सुनाने के लिए खिड़कियों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा, "हम बंदूक लेकर नहीं बल्कि अपनी आवाज, अपनी छवि लेकर मैदान में उतरते हैं। यह विरोध एक युद्ध और संघर्ष है।"

यहां तक ​​कि अफगानिस्तान के अंदर महिलाएं भी अब अपने गाने के वीडियो रिकॉर्ड कर रही हैं, कभी-कभी अकेले और कभी-कभी जोड़े या छोटे समूहों में। फिर भी वो हमेशा बुर्के में होती हैं जिससे उनकी पहचान छिपी रहती है। ज़हरा, अफ़गानिस्तान की एक पत्रकार, जिसने अपनी सुरक्षा के लिए केवल अपने पहले नाम से पहचाने जाने की इच्छा जताई, ने कहा कि ज़मीन पर स्थिति तेज़ी से बदल रही है। पिछले सप्ताह, बहुत सारी महिलाएँ घरों से बाहर निकलती थीं, लेकिन जब से महिलाओं के लिए अपने शरीर के साथ-साथ अपनी आवाज़ को भी ढंकना अनिवार्य करने वाला कानून पारित हुआ है, उन्होंने कहा कि सड़कें महिलाओं से खाली हो गई हैं।
अफगानिस्तान का नया कानून अब महिला की आवाज़ को अंतरंग मानता है और उन्हें सार्वजनिक रूप से कुछ भी गाने, सुनाने या पढ़ने की मनाही है। यह अन्य नियमों के अतिरिक्त आता है जो महिलाओं को अपने घरों से अकेले निकलने से रोकता है या उन्हें ऐसे पुरुषों को देखने या बात करने की अनुमति देता है जिनसे उनका ब्लड रिलेशन या विवाह जैसा कोई संबंध नहीं है। इन प्रतिबंधों से महिलाओं का घर से बाहर निकलना अव्यावहारिक और कुछ मामलों में असंभव बना देता है। यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे चेतावनी के साथ दंडित किया जा सकता है या गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि तालिबान प्रवक्ता का कहना है कि नये कानून से समाज में "सदाचार को बढ़ावा मिलेगा और बुराई खत्म करने में बहुत मदद करेगा।" 

दुनिया से और खबरें

अफगानिस्तान की पत्रकार ज़हरा ने कहा, अब, परिवार के कई पुरुष सदस्य अक्सर अपनी महिला रिश्तेदारों को घर पर रहने का निर्देश देते हैं क्योंकि वे परेशानी नहीं चाहते हैं। ज़हरा ने कहा-  “कभी-कभी हमें बुरे सपने आते हैं कि तालिबान आएंगे और हमें गिरफ्तार कर लेंगे।” बहरहाल, अब कुछ महिलाएँ गायन के वीडियो के जवाब में दुनियाभर से समर्थन मिलने से मजबूत महसूस कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आगे आएगा और अफगान महिलाओं की सुरक्षा में मदद के लिए कुछ करेगा। तैयबा सुलेमानी ने कहा, ''कृपया हमें तालिबान के साथ अकेला न छोड़ें। हम सभी को आपके समर्थन की जरूरत है।"

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें