अफगानिस्तान में तालिबान ने पिछले हफ्ते नए कानून की घोषणा की, जिसमें रोजमर्रा की जिन्दगी के लिए महिलाओं के लिए 35 नियम बनाए गए हैं। इनमें एक नियम यह भी है कि महिलाओं के चेहरे, शरीर और आवाज को घर के बाहर पूरी तरह "कवर" किया जाना चाहिए। इस पर कुछ अफगान महिलाओं ने आपत्ति जताई और गाना गाते हुए अपना वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया। इसकी प्रतिक्रिया में दुनिया में जहां-जहां अफगान महिलाएं रह रही हैं, उनमें से कुछ ने अपने वीडियो पोस्ट किए। जानिए पूरी कहानीः
अफगानिस्तान में तालिबान के महिला विरोधी फैसलों के खिलाफ अकेली लड़की भी विरोध प्रदर्शन से पीछे नहीं हट रही। हाल ही में तालिबान शासकों ने लड़कियों को उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया है। मारवा नामक लड़की काबुल यूनिवर्सिटी के मेन गेट के सामने पोस्टर लेकर खड़ी हो गई। यह फोटो अब विश्वव्यापी वायरल हैः
अफगानिस्तान में यूनिवर्सिटी और कॉलेज छात्रों ने लड़कियों को हायर एजुकेशन से वंचित करने के विरोध में परीक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
अफगानिस्तान में तालिबानी हूकूमत ने अपने वादे और भरोसे के विपरीत जाकर एक और महिला विरोधी फैसला लिया है। वहां सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में लड़कियों का आना प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसकी विश्वव्यापी निन्दा हो रही है।
तालिबान ने 15 अगस्त को दहशत फैलाकर काबुल पर क़ब्ज़ा जमाया, चुनी हुई सरकार खत्म हो गई। महिलाओं पर तालिबान जुल्म बढ़ता ही जा रहा है। जब अफ़ग़ानों का ही तालिबान पर भरोसा नहीं तो दुनिया कैसे करेगी?
अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ प्रदर्शन क्यों? पाकिस्तान के ख़िलाफ़ क्यों हैं अफ़ग़ान? पाकिस्तान खुलेआम अफ़ग़ानिस्तान में क्यों कर रहा है हस्तक्षेप?
तालिबान का खौफ कैसा है यह अफ़ग़ानिस्तान के काबुल हवाई अड्डे पर दिखता है। माँ-बाप ही ऊँची दीवार और उस पर लगे कंटीले तारों के ऊपर से अपने बेटे-बेटियों को दूसरी ओर फेंक रहे हैं ताकि वे बच जाएँ!
फ़िल्म निर्देशक और अफ़ग़ान फ़िल्म की महानिदेशक सहारा करीमी ने लिखा है कि तालिबान ने पिछले कुछ हफ्तों में कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने हमारे लोगों का नरसंहार किया, कई बच्चों का अपहरण किया...
तालिबान के झूठे वादों पर यक़ीन कर रहे और सम्मोहक हेडलाइन लगा रहे लिबरल लोगों और मीडिया ने इतिहास से कुछ नहीं सीखा। सीखा होता तो तालिबान को शक की नज़र से देखते।
तालिबान के प्रवक्ता दावे चाहे जो करें, ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। उनकी कथनी और करनी में क्या अंतर है, देखिए, प्रमोद मल्लिक के साथ सत्य हिन्दी पर।
तालिबान लड़ाकों ने अज़ीज़ी बैंक के दफ़्तर में घुस कर महिलाओं से वहां से चले जाने को कहा और उनके घर तक छोड़ आए। इतना नही नहीं, महिला वाले पोस्टर तक हटा दिए गए या उन पर कालिख पोत दी गई।