पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा ने लोकसभा चुनाव के लिए 38 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी और इसके साथ ही कांग्रेस के साथ किसी तरह के गठबंधन की संभावनाएँ भी ख़त्म हो गईं। किसी समय राज्य में सत्तारूढ़ रहा वाम मोर्चा और मुख्य विपक्ष की भूमिका में रही कांग्रेस आज राजनीति के हाशिए पर हैं। वाम मोर्चा में शामिल सभी पार्टियों के अलावा पश्चिम बंगाल कांग्रेस भी अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही हैं। इसके बावजूद वे आपसी मतभेद भुलाने में नाकाम रही हैं। सवाल है कि इसका फ़ायदा किसे मिलेगा और चुनाव बाद के समीकरण में उनकी क्या भूमिका रहेगी?
बंगाल में गठबंधन नहीं होने से क्या बीजेपी को होगा फ़ायदा?
- चुनाव 2019
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- 24 Mar, 2019
पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा-कांग्रेस के बीच गठबंधन की तमाम कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। क्या इसका फ़ायदा बीजपी को मिलेगा?
