मेघालय के पूर्व राज्यपाल और बीजेपी नेता तथागत रॉय ने एक ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात को लेकर कोलकाता के लोगों को सेटिंग होने की आशंका है। रॉय ने कहा, आशंका से मतलब यह है कि नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच कोई गुप्त समझौता होना, जिससे तृणमूल कांग्रेस के भ्रष्ट नेता और बीजेपी कार्यकर्ताओं के हत्यारे छूट जाएंगे।
रॉय ने कहा है कि प्रधानमंत्री लोगों को इस बात का भरोसा दिलाएं कि इस तरह की कोई भी सेटिंग नहीं होगी। बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं और यहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली हैं।
पार्थ चटर्जी मामला
पश्चिम बंगाल की सियासत के बीते कुछ दिन बेहद गर्म रहे हैं क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग घरों से 50 करोड़ से ज्यादा कैश, सोना और अहम दस्तावेज बरामद किए थे।
क्योंकि पार्थ चटर्जी ममता बनर्जी के करीबियों में शुमार थे इसलिए इसकी सीधी आंच ममता बनर्जी पर आ रही थी। ममता बनर्जी ने कार्रवाई करते हुए चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया था।
इससे पहले बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कहा था कि ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली उनकी बैठकों का इस्तेमाल यह संदेश देने के लिए करती हैं कि कोई सेटिंग हो चुकी है। दिलीप घोष ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि वह इसे समझे और ममता के झांसे में ना आए।
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बीजेपी नेताओं के बयानों को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा था कि विरोधी नेता इस तरह के आरोप लगाते रहते हैं और यह पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
बीजेपी-तृणमूल के कार्यकर्ताओं की झड़प
बताना होगा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच बीते कई सालों से हिंसक झड़पें हो रही हैं। इन झड़पों में कई लोगों की जान जा चुकी है और बंगाल राजनीतिक हत्याओं के लिए चर्चित रहा है। तथागत रॉय ने अपने ट्वीट के जरिए बीजेपी नेतृत्व व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक यह बात पहुंचाई है कि केंद्र सरकार और बीजेपी ममता बनर्जी के साथ किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करे जिससे मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के हत्यारे न छूट जाएं।
हालांकि तथागत रॉय का इस तरह का ट्वीट और दिलीप घोष का बयान बीजेपी नेतृत्व को नागवार गुजर सकता है और हो सकता है कि पार्टी नेतृत्व ने इसे लेकर कोई चेतावनी भी उन्हें दे।
सीएम फेस बनना चाहते थे रॉय
बंगाल बीजेपी में 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर जब जंग तेज हुई थी तो तथागत रॉय का नाम उभरकर सामने आया था। तथागत रॉय साल 2020 में जब मेघालय के राज्यपाल के पद से रिटायर होकर बंगाल लौटे थे तो उन्होंने खुलकर मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी।
रॉय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। वह सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। वह बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं और बंगाल में बीजेपी के ख़राब वक़्त में उन्होंने पार्टी का झंडा उठाया था। राज्य में बड़ी संख्या में उनके समर्थक हैं।
बीजेपी नेताओं ने बंगाल में अपनी सरकार बनाने के लिए 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले जमकर पसीना बहाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन चुनाव नतीजे पार्टी के लिए निराशाजनक रहे थे और ममता बनर्जी ने शानदार जीत हासिल की थी।
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2021 में नारदा स्टिंग मामले में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। सीबीआई ने पूछताछ के बाद इन चारों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था।
ऐसे में समझा जा सकता है कि बीजेपी के पुराने नेता रहे तथागत रॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच मुलाकात से पहले सेटिंग की आशंका वाला ट्वीट क्यों किया है।
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