तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी 5 मई को एक सादे समारोह में राजधानी कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। उन्हें सोमवार को हुई एक बैठक में तृणमूल कांग्रेस विधायक दल का नेता आम सहमति से चुन लिया गया है।
आठ चरणों में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में तृणमूल कांग्रेस को 292 में से 213 विधानसभा सीटों पर कामयाबी मिली है। बीजेपी को इसके बाद सबसे ज़्यादा 77 सीटें मिली हैं। इंडियन सेक्युलर फ्रंट को एक और कांग्रेस को एक सीट मिली है, जबकि वाम मोर्चा का सूपड़ा साफ हो गया है।
विधायक बने बिना ही मुख्यमंत्री?
ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगी।
वह नंदीग्राम सीट से कड़े मुकाबले के बाद 1,700 वोटों के अंतर से चुनाव हार गईं। इस तरह वह सदन की सदस्य नहीं है। इसके बावजूद वे मुख्यमंत्री बन सकती हैं, लेकिन छह महीने में उन्हें किसी सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा सदस्य बन जाना होगा।
ममता बनर्जी को उनके ही पूर्व सहयोगी और बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी हराया। तृणमूल कांग्रेस ने वोटों की गिनती फिर से कराने की माँग की, जिसे चुनाव अधिकारी ने खारिज कर दिया।

वोटों की दुबारा गिनती क्यों नहीं?
लेकिन ममता बनर्जी ने यह कह कर सबको चौंका दिया कि नंदीग्राम में तैनात संबंधित चुनाव अधिकारी का यह कहना था कि फिर से मतगणना का आदेश देने से उनकी जान को ख़तरा था।
बनर्जी ने कहा, 'मुझे एक एसएमएस मैसेज मिला है, जिसमें यह कहा गया है कि नंदीग्राम के रिटर्निंग अफ़सर ने कहा है कि यदि उन्होंने मतों की दुबारा गिनती के आदेश दिए तो उनकी जान को ख़तरा है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार है, उनकी एक छोटी बेटी है, उनका परिवार बर्बाद हो जाएगा।'
अपनी राय बतायें