पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया है कि राज्य के वोटरों पर तृणमूल कांग्रेस की पकड़ कमजोर होने की बजाय और मजबूत हुई है। भाजपा की ओर से बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे आक्रामक चुनाव अभियान और प्रतिकूल मुद्दों के बावजूद पार्टी ने न सिर्फ अपनी पिछली सीटें बचाए रखी हैं, उसने भाजपा और कांग्रेस की सीटें भी छीन ली हैं। दूसरी ओर, यहां सीटें बढ़ाने का सपना देख रही भाजपा अपनी पिछली सीटों में से एक-तिहाई बचाने में नाकाम रही है। राज्य में उसकी ओर से सरकार के ख़िलाफ़ उठाए जाने वाले संदेशखाली, नागरिकता क़ानून और तमाम घोटाले जैसे मुद्दे भी तृणमूल कांग्रेस को पछाड़ने में नाकाम रहे।