जिस भवानीपुर से ममता बनर्जी उपचुनाव लड़ रही हैं वहाँ बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। बीजेपी नेता दिलीप घोष के साथ कथित धक्का-मुक्की के बाद बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोलकाता में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाक़ात की और 30 सितंबर को उपचुनाव के दिन भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में धारा 144 लागू करने की मांग की। नेताओं ने यह भी मांग की कि केंद्रीय बल की तैनाती की जाए।
ममता बनर्जी के लिए यह उपचुनाव बेहद अहम है। ऐसा इसलिए कि ममता बनर्जी फ़िलहाल विधानसभा सदस्य नहीं हैं। वह नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं। बग़ैर विधानसभा सदस्य बने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए छह महीने का समय 3 नवंबर को पूरा हो जाएगा। यदि वह उस समय तक विधानसभा सदस्य नहीं बनीं तो उन्हें इस पद से इस्तीफा देना होगा। हालाँकि नियम के मुताबिक़ वह इस्तीफ़ा देने के बाद एक बार फिर छह महीने के लिए मुख्यमंत्री बन सकती हैं, लेकिन इससे उनकी किरकिरी होगी।
पिछले विधानसभा चुनाव में कोलकाता स्थित भवानीपुर सीट से तृणमूल कांग्रेस के शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने चुनाव जीता था। उसके बाद उन्होंने उस सीट से इस्तीफ़ा दे दिया था ताकि वह सीट खाली हो जाए और वहाँ होने वाले उपचुनाव में ममता बनर्जी चुनाव लड़ सकें। भवानीपुर सीट को तृणमूल नेता के लिए आसान सीट माना जाता रहा है। लेकिन बीजेपी ममता बनर्जी को हराने में अपनी पूरी ताक़त लगा देना चाहती है।
इसके लिए बीजेपी जोर शोर से प्रचार कर रही है। प्रचार अभियान के दौरान सोमवार को तब बड़ा विवाद हो गया जब बीजेपी नेता दिलीप घोष के साथ कथित तौर पर धक्कामुक्की की गई और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में एक बीजेपी कार्यकर्ता को चोट आई। सोमवार को भवानीपुर उपचुनाव के प्रचार का अंतिम दिन था। दिलीप घोष वहाँ बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरीवाल के लिए प्रचार करने गए थे।
दिलीप घोष ने पत्रकारों से कहा था, "तृणमूल कांग्रेस भवानीपुर से चुनाव हार रही है, इसलिए ही उसके लोगों ने मुझ पर हमला किया। लेकिन इस तरह चुनाव नहीं लड़ा जाता है।"
इसी बीच स्वपन दासगुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को कोलकाता में चुनाव आयोग से मिला।
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से यह भी मांग की कि बूथों के अंदर केंद्रीय बल मौजूद रहें और कोलकाता पुलिस को भवानीपुर में सुरक्षा व्यवस्था में सक्रिय भागीदारी नहीं लेनी चाहिए।
हाल ही में बीजेपी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि 23 सितंबर को कोलकाता पुलिस के डीसीपी साउथ द्वारा भवानीपुर की उनकी उम्मीदवार प्रियंका टिबरीवाल पर 'हमला और छेड़छाड़' की गई थी। पार्टी ने मांग की थी कि डीसीपी साउथ आकाश मघरिया और मौक़े पर मौजूद कोलकाता पुलिस के अन्य अधिकारियों की पहचान की जाए और उन्हें तुरंत चुनाव ड्यूटी से हटाया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निलंबित करने की भी मांग की थी।
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