क्या कोई अध्यापक विद्यार्थियों को यह कह सकता है कि किसे वोट दिया जाए, किसे नहीं? क्या वह कक्षा में निजी राय व्यक्त कर सकता है, ख़ासकर राजनीतिक राय? इन प्रश्नों पर लोगों की अलग अलग राय है। लेकिन उसके पहले हम यह ध्यान रखें कि  जिस समय हम यह  सवाल कर रहे हैं वह भारत में अध्यापकों पर हमलों, उनकी गिरफ़्तारी, उनको इस्तीफ़ा देने को मजबूर करने या निकाल देने का समय है। यह विश्वविद्यालयों में हो रहा है और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में भी।