भारत में अभी नागरिकता की कक्षाएँ चल रही हैं। शाहीन बाग़ में, खजूरी में, घंटा चौक में, सब्ज़ी बाग़ में, लाल बाग़ में, मुस्तफाबाद में, रखियाल में। इन कक्षाओं की अध्यापक औरतें हैं और उनमें भी अनेक जो उस भाषा में शिक्षित नहीं कही जा सकतीं जिसकी हमें आदत है। ये सब कामकाजी औरतें हैं, अगर हम यह न भूलें कि घरेलू काम भी एक काम है जिसकी तनख्वाह कभी नहीं दी जाती।