क्या आपको तौनसिंग हांगसिन, मीना हांगसिंग और लीदिया लौरेम्बान के नाम याद हैं? ये मणिपुरी नाम हैं लेकिन सिर्फ़ मणिपुरी नहीं। और हम इन्हें नहीं जानते या इनके बारे में भारत के किसी राजनीतिक दल का बयान नहीं आया या कोई लेख नहीं लिखा गया, इससे मालूम होता है कि पिछले 8- 10 दिन से मणिपुर को लेकर जो राष्ट्रीय क्षोभ उमड़ रहा है, वह मणिपुर की हिंसा को उसके सही नाम से पुकारना नहीं चाहता।
मणिपुरः भारत के स्वप्न की हत्या !
- वक़्त-बेवक़्त
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- 31 Jul, 2023

भारत बहुसंस्कृति वाला देश है। हमारा संविधान भी इसकी पुष्टि करता है। यानी हमारे नेताओं ने ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां हर मजहब, जाति, समुदाय के लोग मिलजुल कर रहेंगे लेकिन स्तंभकार अपूर्वानंद कहते हैं कि उस ख्वाब की ताबीर को मणिपुर में कुचल दिया गया है।