किस क़िस्म की हिंसा दिल्ली में हुई? इस पर बहस चल ही रही है। कुछ लोगों ने इसे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दंगा कहा जिसमें दोनों पक्षों ने हिंसा की। आख़िर इस हिंसा में हिंदू भी मारे गए हैं भले ही मारे जानेवाले मुसलमानों की तादाद उनके दोगुना से भी अधिक है। अख़बारों और ख़बरी वेबसाइटों ने मारे गए लोगों के नाम छापे हैं। यह भी दिखलाया गया है कि हिंदुओं के घरों और दुकानों को भी नुक़सान पहुँचा है। इनमें से कुछ के लिए सिर्फ़ दो नाम महत्त्वपूर्ण हैं। एक पुलिसकर्मी और दूसरा नाम भी सरकारी ख़ुफ़िया संस्था से जुड़ा हुआ। दोनों इत्तिफ़ाक़ से हिंदू हैं। इससे सामाजिक मनोविज्ञान की बारीक समझ रखनेवाले आशीष नंदी जैसे विद्वान भी इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि हिंसा दोतरफा थी।