‘भारत जोड़ो यात्रा’ रफ़्तार पकड़ चुकी है। जैसा तस्वीरों से जान पड़ता है, वह केरल के जिन रास्तों से गुज़र रही है, उनके आस पास के लोगों में उसके प्रति उत्सुकता और उत्साह है। साधारण जनता की एक प्रकार की स्वतः स्फूर्त उल्लासपूर्ण प्रतिक्रिया देखी जा सकती है। लेकिन हिंदी के अख़बार और टेलीविज़न चैनल अभी भी उसे नज़रंदाज़ करने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे लोग जिन्हें राजनीतिक विश्लेषक कहा जाता है, इस यात्रा को लेकर संशय से भरे हुए हैं। यात्रा के प्रति उनमें संदेह का मतलब है, उसके असर और नतीजे को लेकर शंका।