मैंने पहले भी यह बात आग्रहपूर्वक कही है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां का प्रधानमंत्री भारत के नागरिकों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा तय होता है। वह सत्ताधारी दल का नेता हो सकता है, सरकार का मुख्य प्रवक्ता हो सकता है, राष्ट्रीय एकता परिषद, राष्ट्रीय विकास परिषद और योजना आयोग आदि का मुखिया हो सकता है और इस अर्थ में प्रधानमंत्री भारत का राजनैतिक प्रधान होता है न कि भारत का धार्मिक प्रधान! भारत के प्रधानमंत्री की चिंताएं अपनी प्रकृति में धार्मिक नहीं हो सकती हैं, उसकी राजनैतिक आँखों में धर्म का चश्मा नहीं हो सकता।
'सनातन की ढाल’ लोकतान्त्रिक गणराज्य के पीएम को शोभा नहीं देती
- विमर्श
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- 29 Mar, 2025
