“आप इस अद्भुत देश और इसके लोगों को बहुत बड़े ख़तरे में धकेल रहे हैं, रुक जाइए!”
द नेशन इज एट रिस्क अर्थात देश ख़तरे में है?
- विमर्श
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- 6 Feb, 2022

विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी जब संसद में सरकार के मंसूबे पर सवाल उठा रहे थे तो सत्ता पक्ष की तीखी प्रतिक्रिया क्या दिखाती है? राहुल ने जो सवाल उठाए क्या वे सरकार को परेशान करने वाले नहीं हैं?
दो पंक्तियों में व्यक्त की गई यह चिंता भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी द्वारा संसद में तब व्यक्त की गई जब वो राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। हालाँकि उनके भाषण के बाद विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों ने उनकी बेमेल आलोचना करनी शुरू कर दी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर उन्हें इतिहास का ज्ञान देने लगे तो क़ानून मंत्री किरण रिजिजू चाहते थे कि वो माफी मांगें। जो प्रतिक्रिया सरकार की तरफ़ से आई उससे ऐसा लगा कि राहुल गाँधी ने जितना बोला वो सबकुछ सही बोला था।
उनकी पहली चिंता यह थी कि राष्ट्रपति महोदय का अभिभाषण जो केंद्र सरकार द्वारा लिखा जाता है, उसे शायद कुछ अधिकारियों द्वारा लिखवाया गया। उनका यह दावा इसलिए भी सच प्रतीत होता है क्योंकि भारत की आज की सबसे बड़ी समस्या ‘बेरोजगारी’ का उसमें ज़िक्र तक नहीं था। क्या सरकार के लिए बेरोजगारी मुद्दा नहीं है? जबकि वास्तविकता यह है कि भारत ऐतिहासिक बेरोजगारी की मार झेल रहा है। हाल के CMIE के आँकड़े बताते हैं कि भारत में इस समय 8% बेरोजगारी दर है। यह संख्या कितनी डरावनी है ये बात सरकार नहीं बताएगी, लेकिन एक्सपर्ट के पास जवाब है।