13 जनवरी को जब महात्मा गांधी अपना आख़िरी उपवास शुरू करने वाले थे तब लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि-
...इसीलिए महात्मा गांधी ख़तरा हैं!
- विमर्श
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- 2 Jan, 2022

धर्म संसद जैसे आयोजनों में खुलेआम हत्या और नरसंहार के लिए प्रोत्साहित क्यों कर रहे हैं। क्यों ऐसे लोग महात्मा गांधी को गालियाँ दे रहे हैं और उनके हत्यारे गोडसे की तारीफ़ कर रहे हैं?
“मौत मेरे लिए एक श्रेष्ठ मुक्ति होगी बजाय इसके कि मैं असहाय होकर भारत, हिन्दू धर्म, सिख धर्म और इसलाम को ख़त्म होते देखूँ”।
अपनी मौत के आमंत्रण का साहस रखने वाले 78 वर्षीय गांधी की, एक कायर, नाथूराम गोडसे, ने कुछ दिन बाद 30 जनवरी को हत्या कर दी। अगले दिन अमेरिकी अख़बार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा “एक हिन्दू ने गांधी की हत्या कर दी, भारत हिल गया, पूरी दुनिया में शोक की लहर”।
आज महात्मा गांधी को गए 74 वर्ष हो चुके हैं लेकिन जिन्होंने गांधी की हत्या की साज़िश रची थी उनका भय ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 1948 में बिरला हाउस के बाहर गांधी के ख़िलाफ़ “उसे मरने दो” के नारे लगाने वाले आजतक डरे हुए हैं। क्योंकि गांधी हवा की तरह पूरी दुनिया में हैं। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश हो जहाँ महात्मा गांधी के सम्मान में किसी न किसी सड़क या संस्थान का नाम न हो।