द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति चुन ली गई हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयार मतदाता मण्डल के लगभग 64% सदस्यों ने उनके पक्ष में वोट किया। यह बात भी सच है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह वह भी देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं जो आजादी के बाद पैदा हुई हैं। संथाल जनजाति से आने वाली द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी हैं। 25 जुलाई, 2022 को शपथ लेने के बाद मुर्मू आधिकारिक रूप से देश की राष्ट्रपति बन जाएंगी। यह सभी तथ्य अद्वितीय हो सकते हैं, अलग दिख सकते हैं लेकिन ज़रूरी नहीं कि भारत के इतिहास की यह घटना ऐतिहासिक हो। किसी भी घटना की ऐतिहासिकता सिर्फ तथ्यों की सारणी नहीं है। ‘ऐतिहासिकता’ सदा एक ‘परिवर्तन-बोध’ से जुड़ी रहती है। परिवर्तन-बोध, हमेशा एक लंबी प्रक्रिया से जन्म लेता है, यह किसी घटना का ग़ुलाम नहीं जब तक घटना स्वयं एक सोची समझी प्रक्रिया से न उत्पन्न हुई हो।