भारत के संविधान में विधायिका को अनुच्छेद-109 (संसद) और अनुच्छेद- 194 (विधानसभा) के तहत विशेषाधिकार प्राप्त हैं। यह विशेषाधिकार इसलिए हैं ताकि विधायिका नागरिकों के मुद्दे उठाने और क़ानून बनाने के दौरान हुए वार्तालाप को लेकर स्वतंत्र महसूस कर सके। 2003 में तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष ने ‘द हिन्दू’ के चार पत्रकारों और एक प्रकाशक के ख़िलाफ़ एक अरेस्ट वारंट सिर्फ़ इसलिए जारी कर दिया था क्योंकि हिन्दू में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. जयललिता के ख़िलाफ़ ऐसा कुछ लिख दिया गया था जो अध्यक्ष महोदय को पसंद नहीं आया।