मेरे प्रिय बापू,आपके 71वें जन्मदिवस के खुशनुमा अवसर पर सादर शुभकामनाएँ। ऐसे समय में जब आपका पूरा ध्यान युद्ध और शांति के मसले पर केन्द्रित है, मैं इसमें खलल डालने के लिए माफ़ी चाहता हूँ। लेकिन, युद्ध हो या न हो, जीवन की अबाध धारा अपने विविध रूपों में बहती रहनी चाहिए। गोलाबारी के दरम्यान भी लोगों को प्यार करना और प्यार पाना चाहिए, दोस्त बनाने चाहिए और साथी खोजना चाहिए, हँसना और हँसाना चाहिए, मनोरंजन पाना और मनोरंजन करना चाहिए।