फ़िल्म क्रिटिक ख्वाजा अहमद अब्बास टिकट खरीदकर ख़ुद से फ़िल्म देखने गए। अगले दिन फिर से उन्होंने उसे देखा। उन्होंने लिखा है कि यह फ़िल्म उन्होंने कुल 18 बार देखी। उन्होंने इस फ़िल्म की 7 कॉलम की समीक्षा लिखी।
महात्मा गाँधी सिनेमा को थोड़ी हिक़ारत की नज़र से देखते थे। यह बात मशहूर फ़िल्मकार और लेखक ख्वाजा अहमद अब्बास को अखर गयी। उन्होंने 1939 में बापू को एक खुली चिट्ठी लिख डाली। पढ़ें पूरी चिट्ठी।