नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥ इसका मतलब है कि आत्मा को न तो किसी हथियार से काटा जा सकता है, न ही आग से जलाया जा सकता है, न ही पानी से भिगोया जा सकता है और न ही आत्मा को हवा सुखा सकती है। भगवद गीता का यह श्लोक कहानीकार सुधांशु राय की नवीनतम हिंदी थ्रिलर कहानी 'द किलर' के मुख्य पात्र की मनोस्थिति को दर्शाता है। यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में है जो एक के बाद एक निर्मम हत्याएँ कर रहा है और अपने कर्मों को सही ठहराने के लिए इस श्लोक को उनका आधार बनाता है।
'असुर' और 'पाताल लोक’ से आगे, शहर में एक नया साइको ‘किलर’
- विविध
- |
- |
- 26 May, 2020
द किलर: कहानीकार सुधांशु राय की नई कहानी ने डिटेक्टिव बूमराह को भी परेशानी में डाल दिया है।
