हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर उत्तराखंड पुलिस के द्वारा वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी करने पर यति नरसिंहानंद सरस्वती भड़क गए हैं। उत्तराखंड पुलिस ने धर्म संसद के मामले में यति नरसिंहानंद और एक अन्य अभियुक्त साध्वी अन्नपूर्णा को समन भेजा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि यति नरसिंहानंद अपनी कार में बैठे हैं और पुलिस के अफसर उनसे जांच में सहयोग करने के लिए कहते हैं।
यति नरसिंहानंद पुलिस अफसरों से पूछते हैं कि उन्होंने वसीम रिजवी को क्यों गिरफ्तार किया है। यति नरसिंहानंद पुलिस अफसरों से कहते हैं कि उनके भरोसे पर ही वह यानी वसीम रिजवी हिंदू बने हैं। बता दें कि वसीम रिजवी ने बीते महीने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म कबूल कर लिया था। इसके बाद वह जबरदस्त चर्चा में आए थे।
इसके बाद यति नरसिंहानंद कहते हैं कि एक दिन तुम सब मरोगे और अपने बच्चों को भी मारोगे। पुलिस ने वसीम रिजवी की गिरफ्तारी एक गुप्त सूचना के आधार पर उत्तराखंड-यूपी के नारसन बॉर्डर से की है।
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धर्म संसद के वीडियो जिनमें जहरीली बातें कही गई, उपलब्ध होने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी न होने को लेकर उत्तराखंड पुलिस लगातार निशाने पर थी।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है जहां पर शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार को 10 दिन में जवाब देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की ओर से याचिका दायर की गई है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने आगे होने वाली धर्म संसद पर रोक लगाने की मांग की थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 23 जनवरी को ऐसी एक धर्म संसद प्रस्तावित है। कपिल सिब्बल ने सीजेआई से मांग की थी कि वे धर्म संसद में की गई भड़काऊ बयानबाजी के खिलाफ कार्रवाई करें।
धर्म संसद के खिलाफ विदेशों में रह रहे प्रवासियों ने भी जबरदस्त गुस्से का इजहार किया है और इसमें भाषण देने वाले वक़्ताओं की गिरफ़्तारी की मांग की थी।
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