loader

उत्तराखंड: बीजेपी को बड़ा झटका, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य कांग्रेस में शामिल

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश के बड़े दलित नेता और सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। आर्य इससे पहले भी कांग्रेस में ही थे लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व वह बीजेपी में चले गए थे। 

बीते कुछ दिनों से आर्य के नाराज़ होने की ख़बरें आ रही थीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आर्य के आवास पर जाकर उनसे मुलाक़ात भी की थी। माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें मना लेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 

ताज़ा ख़बरें
यशपाल आर्य अपने बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। यशपाल आर्य के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है और वह चार दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। वह विधानसभा अध्यक्ष के अलावा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 
Yashpal arya joins congress again - Satya Hindi

निश्चित रूप से चुनाव से ठीक पहले उनके पार्टी छोड़ने से बीजेपी को बड़ा नुक़सान हो सकता है। 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि पंजाब की तर्ज पर उत्तराखंड में भी दलित समाज का कोई नेता मुख्यमंत्री बन सकता है। सियासत के माहिर खिलाड़ी हरीश रावत के इस बयान के बाद यशपाल आर्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगने लगी थीं। 

बीजेपी ने बीते कुछ दिनों में तीन विधायकों को पार्टी में शामिल कर अपना कुनबा बढ़ाने की कोशिश की है लेकिन कांग्रेस ने यशपाल आर्य को तोड़कर उसे जोरदार झटका दिया है।

किसान आंदोलन का असर 

उत्तराखंड के तराई वाले इलाक़ों में किसान आंदोलन बेहद मजबूत है। उधम सिंह नगर के इस इलाक़े में सिखों और पंजाबियों की अच्छी-खासी संख्या है। यशपाल आर्य उधम सिंह नगर की जिस बाजपुर सीट से चुनाव लड़ते हैं, वहां भी किसान आंदोलन को लेकर माहौल बेहद गर्म है। उधम सिंह नगर जिले में विधानसभा की 9 सीटें हैं और किसान आंदोलन के कारण यहां बीजेपी को जबरदस्त नुक़सान उठाना पड़ सकता है। 

बेहद विनम्र स्वभाव वाले और समझदार नेता यशपाल आर्य को शायद इस बात का आभास हो गया हो कि किसान आंदोलन के कारण वे चुनाव हार सकते हैं और इसलिए उन्होंने फिर से पुरानी पार्टी कांग्रेस में जाना सही समझा हो।  

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें