कोरोना महामारी के भयंकर संक्रमण के बीच हरिद्वार में कुंभ का मेला जारी है। इस मेले में पहुंची लाखों लोगों की भीड़ को संभालने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों को ड्यूटी पर लगाया है। हालांकि इस काम के लिए उन्हें कोई वेतन नहीं दिया जाएगा क्योंकि इसे सामाजिक सेवा के तौर पर किया जा रहा है।
संघ के इन स्वयंसेवकों को उत्तराखंड की पुलिस ने स्पेशल पुलिस अफ़सर (एसपीओ) का दर्जा दिया है और ऐसा पहली बार हुआ है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, ऐसे 1,553 स्वयंसेवक हैं। इनमें से 1,053 स्वयंसेवक फ़ील्ड में काम कर रहे हैं जबकि बाक़ी लोग बैकअप के काम में लगे हैं।
पहली बार दिया गया आई कार्ड
कुंभ मेले के डेप्युटी एसपी बीरेंद्र प्रसाद डबराल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि संघ के स्वयंसेवक पहली बार कुंभ में ऐसा काम कर रहे हैं, वे पहले भी ऐसी ड्यूटी कर चुके हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्हें एसपीओ का आई कार्ड दिया गया है। डबराल ने कहा कि वे लोग ट्रैफ़िक और भीड़ के प्रबंधन में बेहतर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संघ के अलावा कई अन्य संगठन जैसे- कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं को भी एसपीओ का दर्जा दिया गया है।
कोरोना प्रोटोकॉल का कराते हैं पालन
संघ के ये स्वयंसेवक अपनी यूनिफ़ॉर्म पहनकर ड्यूटी कर रहे हैं और लोगों को ढंग से मास्क पहनने सहित कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करने के लिए कहते हैं और ख़ुद भी इन नियमों का पालन करते हैं। इन स्वंयसेवकों को 7 अप्रैल से तैनात किया गया है और ये सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे की शिफ़्ट में उनके लिए तय जगहों पर काम करते हैं।
पुलिस ने मांगे थे स्वयंसेवक
संघ के उत्तराखंड प्रांत शारीरिक प्रमुख सुनील ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि स्वयंसेवकों की तैनाती का काम कुंभ मेले के आईजी संजय गुंज्याल की पहल पर किया गया है। उन्होंने कहा कि गुंज्याल मार्च से ही संघ के संपर्क में थे और उन्होंने कुंभ मेले में स्वयंसेवकों की मांग की थी।
सुनील ने कहा कि उन्होंने इस मामले में राज्य के सभी जिलों में संघ की इकाइयों को पत्र लिखा और कहा कि वे 18 से 50 साल के उम्र वाले ऐसे स्वयंसेवकों की जानकारी दें जो कुंभ मेले में कुछ काम करना चाहते हों। इसके बाद सुनील की आईजी संजय गुंज्याल के साथ बैठक हुई और दो एडिशनल पुलिस एसपी ने हमारे स्वयंसेवकों का इस काम के लिए चयन किया। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि संघ के स्वयंसेवकों को बतौर एसपीओ तैनात किया गया है।
कुंभ में 12 से 14 अप्रैल तक शाही स्नान का दौर चला। इसमें लाखों लोग उमड़े और इसे लेकर राज्य सरकारी की खासी आलोचना हुई क्योंकि कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग शून्य रही, मास्क ग़ायब रहे और लाखों लोगों की भीड़ को सैनिटाइजर पहुंचाना लगभग असंभव है।
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