उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ बीते तीन दिनों से धरना दे रहे हैं। हरीश रावत के साथ तमाम बड़े नेता धरने में जुटे हैं। रावत ने आरोप लगाया है कि हरिद्वार में हुए हालिया पंचायत चुनाव में बीजेपी सरकार ने धांधली की है और धांधली का आरोप लगाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कर दिए हैं। रावत का यह धरना हरिद्वार के बहादराबाद थाने के बाहर चल रहा है।
बताना होगा कि कुछ दिन पहले ही हरिद्वार में पंचायत चुनाव हुए थे और बीजेपी राज्य गठन के बाद पहली बार यहां अपना अध्यक्ष बनाने में सफल रही थी। उत्तराखंड राज्य साल 2000 में बना था।
पंचायत चुनाव के नतीजों को लेकर हरिद्वार में अच्छा-खासा बवाल हुआ था। हरीश रावत व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की मांग है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए। हरीश रावत साल 2009 में हरिद्वार से लोकसभा का चुनाव जीते थे और तत्कालीन यूपीए सरकार में मंत्री बने थे।
अनशन पर बैठने की चेतावनी
हरीश रावत ने कहा है कि हरिद्वार में पहले पंचायत चुनाव के आरक्षण में गड़बड़ी की गई, फिर परिसीमन में गड़बड़ी की गई और लोगों को डराया धमकाया गया और उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया गया, जो लोग चुनाव लड़े उनके समर्थकों को डराया गया। रावत ने कहा कि चुनाव नतीजों के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली की गई और कई बार मतगणना कराई गई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाना जरूरी है और वह लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई को लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तो अनशन पर बैठ जाएंगे।
हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर धरने के कई वीडियो पोस्ट किए हैं जिसमें वह धरना स्थल पर ही सोते, योग करते व खाना खाते दिखाई दे रहे हैं।
हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिली थी और बीजेपी ने एक बार फिर बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी।
हरीश रावत के धरने को लेकर हरिद्वार बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कहा है कि जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी को मिले जनसमर्थन से कांग्रेस परेशान है।
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