उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कोरोना के संदिग्ध मरीज़ों की स्क्रीनिंग करने गए स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि हमलावर सरकारी संपत्ति के नुक़सान की भरपाई करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यदि वे नुक़सान की भरपाई नहीं कर पाते हैं तो उनकी संपत्ति को कुर्क किया जाए। हमलावरों ने जब स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला किया था तो कई वाहनों को नुक़सान पहुँचा था।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर के ज़िलों के कलेक्टरों और पुलिस प्रमुखों को स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि स्क्रीनिंग या लॉकडाउन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुक़सान पहुँचाया जाता है तो आरोपियों से इसका पैसा वसूला जाए।
मुरादाबाद में बुधवार को स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर हमले के मामले में 17 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। बता दें कि डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ़ की टीम वहाँ एक मरीज को हॉस्पिटल ले जाने के लिये गई थी। डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए मौजूद पुलिसकर्मियों पर भी लोगों ने हमला कर दिया। इस घटना में कई लोग घायल हो गये थे। घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि अभियुक्तों ने पुलिस की जीप पर पत्थरों और रॉड से हमला कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना में शामिल अभियुक्तों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिये थे।
कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा, 'हर तरह से चिकित्सा और पुलिस टीमों की रक्षा की जाएगी... मुख्यमंत्री ने उपद्रवियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के अलावा महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज करने का भी आदेश दिया है।'
बता दें कि एनएसए के तहत बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रखने का अधिकारियों को अधिकार है यदि उन्हें लगता है कि कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा या क़ानून-व्यवस्था के लिए ख़तरा है।
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