अब से ठीक एक महीना पहले (9 जुलाई को) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब यूपी की पीठ ठोकते हुए कहा था कि "24 करोड़ की आबादी वाले इस प्रदेश ने बड़ी बहादुरी से कोरोना का मुक़ाबला किया है और उसे फैलने से पूरी तरह रोका है", तब उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि महीना पूरा होने से पहले ही राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठतम नेता और उनकी पार्टी के विधायक उनके बयान की हवा निकालने वाले हैं।
यूपी में कोरोना का क़हर शुरू, क्या है योगी सरकार की तैयारी?
- उत्तर प्रदेश
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- 8 Aug, 2020

जैसे-जैसे समय बीत रहा है, स्थितियां नियंत्रण से बाहर होती जा रही हैं। शहरों और गाँवों, दोनों जगह एक ज्वालामुखी है जो तेजी से सुलग रहा है। चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर महीने की शुरुआत होते-होते यह ज्वालामुखी फट सकता है। जिस तरह का जर्जर पब्लिक हेल्थ सिस्टम है, उससे इस सामर्थ्य की अपेक्षा करना ही व्यर्थ होगा कि इस ज्वालामुखी के फटने की दशा में वह कहीं से कारगर साबित हो पायेगा।
वस्तुतः उत्तर प्रदेश देश का एक मात्र प्रदेश है जहाँ पिछले सप्ताह इस महामारी ने एक कैबिनेट मंत्री (कमला रानी वरुण) के प्राण हर लिए। इतना ही नहीं, इसी सप्ताह प्रदेश के क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक कोविड पॉज़िटिव पाए गए। इस महीने पॉज़िटिव होने वाले अन्य मंत्रियों में महेंद्र सिंह, चेतन चौहान, राजेंद्र प्रताप सिंह और धर्मवीर सिंह शामिल हैं।
कोरोना का हमला प्रदेश बीजेपी कार्यालय पर भी हुआ। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी इसी सप्ताह 'भर्ती' हुए हैं। बीजेपी विधायक योगेंद्र उपाध्याय भी कोरोना रोगियों में शुमार हैं।