उत्तर प्रदेश में 26 मंत्रियों को पूर्व मंत्री और महज विधायक बना देने के बाद क्या बीजेपी का अगला कदम कुछ विधायकों से इस्तीफा लेने का है? ऐसे विधायकों की संख्या 6 तक हो सकती है। सिर्फ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य वैसे तो अभी विधान परिषद के सदस्य हैं लेकिन भविष्य में उनके भी किसी न किसी विधायक को उनके लिये जगह बनानी पड़ेगी।
मंत्रियों के लिए क्या विधायकों से इस्तीफे लेगी बीजेपी?
- उत्तर प्रदेश
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- 26 Mar, 2022

योगी सरकार में कई ऐसे नेताओं को मंत्री बनाया गया है जो ना तो विधान परिषद के सदस्य हैं और ना ही विधानसभा के। ऐसे में इन्हें विधानसभा में भेजने के लिए पार्टी क्या कुछ विधायकों का इस्तीफा लेगी?
उनके अलावा पांच नये मंत्रियों के लिए भी जो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, के लिये भी जगह बनानी होगी। यह काम जोर-ज़बरदस्ती के जरिए नहीं हो सकता, लेकिन प्यार से इस्तीफा लेने का काम भी राजनीति में बगैर दबाव के कहां हो पाता है।
दानिश आज़ाद अंसारी, जसवंत सैनी, दयाशंकर मिश्र दयालु, जेपीएस राठौर और नरेंद्र कश्यप ऐसे नये मंत्री हैं जो न विधायक हैं न विधान पार्षद। बीजेपी के सामने यह चुनौती है और इसका समाधान विधान परिषद में इन मंत्रियों को भेजना हो सकता है या फिर विधानसभा चुनाव में निर्वाचित होना। पहली स्थिति अपने हाथ में नहीं है और दूसरी स्थिति के लिए विधायकों से विधायकी की बलि लेनी होगी।